१. वगर खेतीमा सहयोग (खाधान्न तरकारी तथा नगदेबाली प्रवर्द्धन सहयोग कार्यक्रम,
२. प्रागारिक मल प्रवर्द्धन कार्यक्रम,
३. व्यवसायिक तरकारी मोडल खेती कार्यक्रम,
४. व्यवसायिक फलफूल मोडल खेती कार्यक्रम,
५. दलहन तथा तेलहन बाली उत्पादन मोडल खेती प्रवर्द्धन कार्यक्रम,
६. व्यवसायिक संरक्षित खेती (पोली हाउस/नेट हाउस/सेड हाउस, मल्चिङ्ग लगायत आवश्यक प्रविधि) अवलम्बन सहयोग ।